Medical leave Rules In Rajasthan

मेडिकल अवकाश नियम राजस्थान – Medical Leave Rules in Rajasthan Medical leave is a crucial provision for government employees in Rajasthan, providing necessary relief for health-related issues.

This blog aims to shed light on the policies, rules, and procedures governing medical leave for Rajasthan Government employees.

45 दिवस से अधिक अवधि के लिये चिकित्सा प्रमाण-पत्र स्वास्थ्य परीक्षण समिति (मेडिकल बोर्ड आयुर्वेद) द्वारा दिया जा सकेगा। स्वास्थ्य परीक्षण समिति में निम्नलिखित सदस्य होंगे-

चिकित्सा अवकाश के साथ सार्वजानिक अवकाश यदि हो तो

चिकित्सा प्रमाण पत्र के आधार पर अवकाश में जाने और अवकाश के बाद कर्तव्य में आने के बीच कोई सार्वजानिक अवकाश पड़ता है तो शासकीय कर्मचारी के लिए नियम इस प्रकार होंगे –

चिकित्सा अवकाश के साथ सार्वजानिक अवकाश का संयोजन

चिकित्सा प्रमाण पत्र के आधार पर अवकाश में जाने और अवकाश के बाद कर्तव्य में आने के बीच कोई सार्वजानिक अवकाश पड़ता है तो शासकीय कर्मचारी के लिए नियम इस प्रकार होंगे –

  1. जब शासकीय सेवक को कार्यालय में उपस्थित होने हेतु चिकित्सीय आधार पर अयोग्य घोषित किया गया हो तो ऐसे प्रमाण पत्र के ठीक पूर्ववर्ती दिन ( Previous day ) के लिए सार्वजानिक अवकाश /अवकाशों यदि कोई हो तो उसे स्वयमेव अवकाश में जोड़ दिया जायेगा। और ऐसे प्रमाण पत्र की तिथि के ठीक बाद में पड़ने वाले सार्वजानिक अवकाश के दिन को भी अवकाश का भाग मान लिया जायेगा।
  2. जब शासकीय सेवक को कार्यालय में उपस्थित होने हेतु चिकित्सीय आधार पर योग्य प्रमाणित किया गया हो तो ऐसे प्रमाण पत्र के ठीक बाद के दिन में पड़ने वाले सार्वजानिक अवकाश /अवकाशों को स्वयमेव अवकाश में जोड़ दिया जायेगा। और ऐसे प्रमाण पत्र की तिथि के पहले पड़ने वाले सार्वजानिक अवकाश के दिनों को भी अवकाश का भाग मान लिया जायेगा।


राज्य कर्मचारियों को देय विभिन्‍न प्रकार के अवकाशों जिनमें सक्षम चिकित्सा अधिकारी के द्वारा जारी चिकित्सा प्रमाण पत्र, आवेदन पत्र के साथ प्रस्तुत करने होते हैं, के लिए प्रारूप निर्धारित है।

राजस्थान सेवा नियम, 1951 के नियम 70 एवं 76 में चिकित्सा प्रमाण पत्र एवं नियम 83 में चिकित्सा
पूर्ण होने पर फिटनैस प्रमाण पत्र का प्रारूप निर्धारित किया हुआ है। इन प्रारूपों में अंकित की जाने वाली समस्त सूचनाएं प्राधिकृत चिकित्सक द्वारा पूर्ण रूप से भरी जानी चाहिए।

राज्य सरकार के ध्यान में लाया गया है कि कुछ अवकाश स्वीकृतिकर्ता प्राधिकारी प्राधिकृत चिकित्सक द्वारा निर्गमित अपूर्ण सूचनायुक्त चिकित्सा प्रमाण पत्रों के आधार पर राज्य कर्मचारियों से प्राप्त आवेदन पत्र पर विचार कर अवकाश स्वीकृत कर देते हैं, जो नियमानुकूल नहीं है।

अतः समस्त अवकाश स्वीकृतिकर्ता प्राधिकारियों को पुनः निर्देशित किया जाता है कि जो राज्य कर्मचारी,/अधिकारी अवकाश आवेदन पत्र के साथ अपूर्ण सूचनायुक्‍त प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें, उनके अवकाश आवेदन पत्र पर विचार नहीं किया जावे।

अपूर्ण सूचनायुकत चिकित्सा प्रमाण पत्र के आधार पर परिवर्तित अवकाश अथवा अन्य अवकाश स्वीकृत करने की कार्यवाही को अनुशासनहीनता मानते हुए अवकाश स्वीकृत कर्ता प्राधिकारी के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही प्रारम्भ की जावे।

Competent authority for issuing medical certificate ( चिकित्सा प्रमाण पत्र जारी हेतु सक्षम अधिकारी )

  1. किसी बहिरंग रोगी (आउट डोर पेशेंट) को अधिकतम 15 दिन की अवधि हेतु चिकित्सा प्रमाण पत्र किसी भी चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी किया जा सकेगा।
  2. 30 दिवस तक का चिकित्सा प्रमाण-पत्र वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी/कनिष्ठ विशेषज्ञ/सहायक आचार्य अथवा इसके ऊपर के अधिकारी देने के लिये सक्षम होंगे।
  3. 45 दिवस तक वरिष्ठ विशेषज्ञ पी.एम.ओ./एसोसिएट प्रोफेसर/प्रोफेसर एवं क्रम सं. 2 में वर्णित अधिकारी यदि प्रमाण पत्र सम्बन्धित मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी प्रमुख चिकित्सा अधिकारी एवं अधीक्षक द्वारा प्रमाणित किया हुआ हो।
  4. 45 दिवस से अधिक अवधि हेतु चिकित्सा प्रमाण-पत्र केवल मेडिकल बोर्ड देगा। (चिकित्सा विभाग के आदेश क्रमांक-.प.1625/एम ग्रुप 1/94, दिनांक-08.01.98)

अनुमोदित निजी चिकित्सालय के चिकित्सक चिकित्सा प्रमाण पत्र जारी करने हेतु निम्नानुसार अधिकृत है (आदेश क्रमांक प 16(25) एम ई/1-1/1994 दिनांक 18.5.2012)-

  • चिकित्सा परामर्शदाता15 दिवस के लिये ( Medical consultant for 15 days )
  • वरिष्ठ चिकित्सा परामर्शदाता 30 दिवस तक ( Senior Medical Consultant up to 30 days )
  • वरिष्ठ विषय विशेषज्ञ 45 दिवस तक ( Senior Subject Expert up to 45 days )
  • मेडिकल बोर्ड 45 दिवस से अधिक ( Medical Board more than 45 days )
  • होम्योपैथिक चिकित्सक 15 दिवस के लिए चिकित्सा प्रमाण-पत्र दे सकते हैं।
  • चिकित्सा प्रमाण हेतु सक्षम आयुर्वेद अधिकारी
  • किसी बहिरंग रोगी को चिकित्सक 15 दिन की अवधि के लिए
  • 15 दिवस के पश्चात् पुनः 7-दिन की अवधि के लिये विभागीय चिकित्सक सक्षम होगा।
  • 29 दिवस से 45 दिन की अवधि के लिए रोग प्रमाण-पत्र “अ” श्रेणी चिकित्सालय के वरिष्ठ चिकित्सक/जिला आयुर्वेद अधिकारी/सहायक निदेशक/समकक्ष अधिकारी अथवा अन्य उच्च अधिकारी द्वारा जारी किया जायेगा, जिसमें मूल अवधि भी सामिल होगी।

45 दिवस से अधिक अवधि के लिये चिकित्सा प्रमाण-पत्र स्वास्थ्य परीक्षण समिति (मेडिकल बोर्ड आयुर्वेद) द्वारा दिया जा सकेगा। स्वास्थ्य परीक्षण समिति में निम्नलिखित सदस्य होंगे-

  1. जिला आयुर्वेद अधिकारी/सहायक निदेशक/प्रभारी रसायन शालाएँ अथवा समकक्ष अधिकारी एवं अन्य उच्च अधिकारी (आयुर्वेद)
  2. संबंधित जिले स्थित “अ” श्रेणी चिकित्सालय के वरिष्ठ चिकित्सक संयोजक
  3. दो चिकित्सक (अध्यक्ष की सहमति से) आवश्यकता होने पर महिला चिकित्सक सदस्य
  4. अन्तरंग रोगी के सम्बन्ध में 30 दिन से अधिक के चिकित्सा प्रमाण पत्र हेतु आयुर्वेद ‘अ’ श्रेणी चिकित्सालय के प्रभारी के प्रति हस्ताक्षर आवश्यक होंगे।

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