Rajasthan Service Leave Rules & Approval

Rajasthan Service Leave Rules & Approval : नियम 80 के अर्न्तगत सार्वजनिक हित को ध्यान में रखते हुए अवकाश स्वीकृतकर्ता प्राधिकारी को निम्नांकित मार्गदर्शक बिन्दुओं पर उस समय विचार करना चाहिये कि जब एक से अधिक कर्मचारी अवकाशों की एक साथ माँग करें और सबको एक साथ अवकाश दिया जाना संभव नहीं हो

अतः संबंधित अधिकारी आवेदन करने वाले कार्मिक के अवकाश को निरस्त कर सकता है इसे उसके पास समस्त अधिकार सुरक्षित है क्योंकि कार्मिक अवकाश को अधिकार के रूप में ग्रहण नहीं कर सकता है |

राजस्थान अवकाश नियम - Leave Rules in Hindi , आकस्मिक अवकाश

किन्ही परिस्थिति में किसी एक ही कार्यालय में एक से अधिक कार्मिक अवकाश पर जाना चाहते हैं तो उस स्थिति में संबंधित अधिकारी निम्न प्रकार की बातों को ध्यान में रखकर अवकाश स्वीकृत कर सकता है |

  1. किस कर्मचारी को राज्य कार्य की सुविधा के अनुसार अवकाश के लिये कार्यमुक्त किया जा सकता है
  2. आवेदक कर्मचारियों के खातों में अवशेष अवकाशों की संख्या
  3. गत अवकाश से लौटने के बाद प्रत्येक आवेदन द्वारा दी गई सेवा की अवधि/प्रकृति |
  4. उनमें से क्या किसी कर्मचारी को पूर्व में स्वीकृत अवकाश अवधि में पूर्व ही सेवा पर वापिस बुलाया गया, एवं पूर्व में उनमें से किसी कर्मचारी को जनहित की दृष्टि से अवकाश अस्वीकृत तो नहीं किया गया I

Rajasthan Employee Leave अवकाश से संबंधित विभिन्न नियम

Name SectionSubjects
Post Name Rajasthan Service Leave Rules
SourceRajasthan Service Rules
Made Rajasthan Government
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Rule 57 : अवकाश केवल कर्तव्य सम्पादन से अर्जित होते है :-

(दिनांक 11.0156 ) इस नियम के तहत प्रत्येक विभाग में किसी भी कर्मचारी को अवकाश उसके कर्तव्य के अनुरूप ही देय होता है। निलंबित कर्मचारी को किसी प्रकार का अवकाश न दिया जाए, मांगे जाने पर मुख्यालय छोड़ने की अनुमति दी जाए।

Rajasthan Service Leave Rules Rule 57 (A)

पूर्व के विभागों में की गई ऐसी सेवा जहां आरएसआर लागू नही होती तो पूर्व की सेवा का लाभ आरएसआर के तहत अवकाश के सम्बन्ध में लागू नहीं होता है।

Rule 58: क्षतिपूर्ति /अयोग्यता पेंशन के मामले में अवकाश अवधि की गणनाः –

इस नियम के तहत यदि कर्मचारी सेवाकाल में किसी अनुशासनात्मक कार्यवाही के दौरान अयोग्यता अर्जित कर लेता है तो उसकी पिछली सेवा को अवकाश अवधि के तहत माना जावेगा।

Rule 59 : अवकाश अधिकार नहीं है : –

दिनांक 21.03.1967 से लागू। अधिकारी को यह अधिकार है कि वह अवकाश के नियंत्रण दावों में कमी व अस्वीकृत कर सकता है। एक कर्मचारी के लिए गये अवकाश की प्रवृति अधिकतम 03 माह तक बदल सकता है। आवेदित अवकाश की प्रवृति केवल अवकाश चाहने वाला ही बदल सकता है।

Rule 60 : अवकाश प्रारम्भ तथा अन्तः –

अवकाश की शुरूआत उस दिन से होती है जिस दिन से कर्मचारी अपने पद का कार्यभार किसी अन्य को सुपुर्द कर दे । अवकाश की समाप्ति कर्मचारी के कार्यग्रहण के 01 दिन पूर्व होती है।

Rule 61 : अवकाश स्थान का पता:- 

कर्मचारी अवकाश के लिए आवेदन करते समय आवेदन पत्र पर अपने अवकाश काल के दौरान रहने वाले पते का ब्यौरा देगा ।

अगर कोई कर्मचारी अवकाश के दौरान मुख्यालय का त्याग करता है तो उसे अपने अवकाश के आवेदन के साथ नवीन मुख्यालय का पता भी बताना आवश्यक होगा तथा आवश्यकता होने पर संबंधित कार्मिक को पुनः सेवा पर भी बुलाया जा सकता है |

Rule 62 : छूट देने की शक्ति:- 

अवकाश के पहले व बाद सार्वजनिक अवकाश का उपयोग वहीं कर्मचारी कर सकते है, जो अपने कार्य भार का हस्तांतरण किसी अन्य कर्मचारी को करते है। विकट परिस्थिति में हस्तान्तरण नहीं करने वाले कर्मचारियों को भी इससे छूट होती है।

Rajasthan Service Leave Rules 63 : अवकाश के साथ सार्वजनिक अवकाशों के संयोजन की व्यवस्थाः- 

यदि अवकाश पर जाने से पहले कोई सार्वजनिक अवकाश हो तो उसका कर्मचारी के वेतन व अवकाश पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा । यदि अवकाश से पुनः आते समय कोई सार्वजनिक अवकाश हो तथा कर्मचारी ने कार्यभार हस्तान्तरण नहीं किया हो तो उस सार्वजनिक अवकाश का कर्मचारी के वेतन व अवकाश वेतन पर असर पड़ेगा। दिनांक 15.09.1998 से कर्मचारी एक वर्ष में दो ऐच्छिक अवकाश (RH) ले सकता है।

Rule 64 : अवकाश पर नियोजन स्वीकार करना:- व्यापार निषेध ।

अवकाश काल में कर्मचारी ऐसा कोई कार्य नहीं कर सकता, जिसके तहत उसे आर्थिक रूप से फायदा हो तथा अवकाश काल में कर्मचारी ऐसा करता है तो अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।

अपवादः-यदि कोई कर्मचारी साहित्यिक गतिविधि कर रहा है तो इससे प्राप्त आय इस नियम के तहत मानी जायेगी। पेशे से जुड़े मामलों में कर्मचारी को एक समय सीमा तक नियोजन करने की अनुमति प्रदान की जाती है। वैदेशिक सेवा में नियम 64 के प्रावधान लागु नहीं होते है।

Rule 65 :- सेवानिवृति तिथि के बाद अवकाश की अस्वीकृतिः- 

इस नियम के तहत यदि कोई कर्मचारी सेवानिवृति तिथि से पहले अवकाश पर चला जाता है तथा इस अवकाश के दौरान सरकार द्वारा उसका कार्यकाल बढ़ा दिया जाता है तो वह कर्मचारी उसी दिन से ऑन ड्यूटी मान लिया जाता है जिस दिन कार्यकाल बढ़ाने के आदेश जारी हुए है तथा कर्मचारी के शेष अवकाश को आगे की सेवा में समायोजित कर दिया जाता है ।

Rule 66 अवकाश से कर्मचारी को वापस बुलाना:- 

इस नियम के तहत यदि कर्मचारी को अवकाश से वापस बुलाया जावे तो यदि वापिस आने की आवेदन पत्र में अनिवार्य शर्त हो तो कर्मचारी पत्र प्राप्त होते ही ऑन ड्यूटी हो जायेगा तथा वापिस आते समय यात्रा व समस्त सुविधायें सरकारी खातें पर करेगा। नोट:-लेकिन कर्मचारी इस अवधि के दौरान अवकाश वेतन ही प्राप्त करता है। यदि कपिस आना कर्मचारी के स्व-विवेक पर हो तो उसे किसी प्रकार के यात्रा व सुविधायें देय नहीं होगी ।

Rule 67  अवकाश आवेदन पत्र का प्रारूप:- 

अवकाश पर जाने वाला कर्मचारी एक निर्धारित प्रपत्र में अपना आवेदन सक्षम अधिकारी को देगा। सक्षम अधिकारी अवकाश को स्वीकृत किया और स्वीकृत कर सकता है |

Rule 68 वैदेशिक सेवा के अवकाश नियमों की जानकारी :- 

वैदेशिक सेवा में स्थानान्तरित किसी भी राज्य कर्मचारी को वैदेशिक सेवा में जाने से पूर्व उन सभी नियमों की जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए जिनसे वैदेशिक सेवा के दौरान उसका अवकाश आदि नियमित होगा ।

Rule 69 (दिनांक 11.05.1962) वैदेशिक सेवा में

120 दिन से ज्यादा के उपार्जित अवकाश लेना चाहे तो उसे अपना अवकाश आवेदन प्रपत्र महालेखाकार कार्यालय में प्रेषित करना होगा तथा आवेदन पत्र की जांच के बाद ही वैदेशिक नियोजक द्वारा उसे अवकाश दिया जावेगा|

Rule 70 राजपत्रित अधिकारियों

को चिकित्सा प्रमाण पत्र का प्रारूप (दिनांक 07.09.2010 के बाद से) इस नियम के तहत राजपत्रित अधिकारियों को चिकित्सा सम्बन्धी अवकाशों के लिए आवेदन पत्र का प्रारूप है।

Rule 71 विलोपित 

Rule 72 विलोपित 

Rule 73 संदिग्ध मामलों में 14 दिन की मेडिकल अभिरक्षाः-

राजपत्रित अधिकारियों को चिकित्सा सम्बन्धी अवकाश के लिए सक्षम अधिकारी द्वारा 14 दिन की मेडिकल अभिरक्षा रखने का प्रावधान है।

Rule 74

(दिनांक 05.12.1992) राजपत्रित अधिकारियों को चिकित्सा प्रमाण पत्र अवकाश: 

  1. इस नियम के तहत सामान्य तौर पर किसी राजपत्रित अधिकारी को चिकित्सा प्रमाण पत्र पर 60 दिन का अवकाश देय है।
  2. यदि राजपत्रित अधिकारी सीएमएचओ स्तर का चिकित्सा प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें तो अवधि 60 से 90 दिन तक बढ़ाई जा सकती है। 3. यदि राजपत्रित अधिकारी अन्तः रोगी हो तो जब तक वह अस्पताल में भर्ती है तब तक उसे अवकाश स्वीकृत कर सकते है।
  3. दिनांक 16.10.1989 के बाद राजपत्रित अधिकारियों को 15 दिन का अवकाश होम्योपैथिक चिकित्सक भी स्वीकृत कर सकते है। राज्य सिविल सेवा चिकित्सा परिचर्या नियम 2008 के तहत कुछ निजी अस्पतालों को भी राजपत्रित अधिकारियों के ईलाज के लिए अधिकृत किया गया है।
  4. दिनांक 01.01.2004 के बाद आपातकाल की परिस्थितियों में सामान्य तौर पर निजी अस्पतालों को भी राजपत्रित अधिकारियों के लिए अधिकृत किया गया है

Rule 75 -मेडिकल सर्टिफिकेट छुट्टी का अधिकार

मेडिकल सर्टिफिकेट छुट्टी का अधिकार नहीं देता, ( -Medical certificate does not confer right to leave ;it should
be forwarded to C.A.)

Rule 76 अराजपत्रित अधिकारियों को चिकित्सा प्रमाण पत्र पर अवकाश:-

Leave on medical certificate to Non-gazetted Govt. servant – Application accompanied with Medical certificate from RMP, if Govt. अराजपत्रित अधिकारियों को चिकित्सा प्रमाण पत्र पर अवकाश:- (दिनांक 30.06.1980 से लागू) अराजपत्रित अधिकारी आरएमपी (रजिस्टर्ड मेडिकल प्रेक्टिशनर) चिकित्सक से लिया गया प्रमाण पत्र प्रस्तुत करे तो अवकाश देय है। Medical Officer/Vaidhya / is not sanctioned at the place where he falls ill.

Rule 77 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को चिकित्सा प्रमाण पत्र पर अवकाशः-

Rajasthan Service Leave Rules : चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को किसी भी स्तर का चिकित्सा प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर अवकाश देय होता है। ( Leave on Medical certificate to class IV Govt. servant – Controlling Authority can accept such certificate it may deem )
sufficient.

Rajasthan Service Leave Rules 78 अयोग्यता पर अवकाश अस्वीकृत करना:-

इस नियम के तहत चिकित्सक को यदि लगे कि उसके द्वारा जिस कर्मचारी को अवकाश स्वीकृत किया जा रहा है वह इसके लिए अयोग्य है तो वह उसके अवकाश की सिफारिश नहीं करता है। ( Medical certificate to Govt. servant who is unfit to return to duty – certificate should not be given but – it should be recorded that Govt. servant is permanently unfit to Govt. service. )

Rule 79 Doctor Declaration On Leave Certificate

Rajasthan Service Leave Rules : चिकित्सक कर्मचारी के आवेदन पत्र पर यह स्पष्ट रूप से अंकित करता है कि इसके द्वारा अवकाश में की गई अनुशंषा कर्मचारी का अधिकार नहीं है।

Rule 80 अवकाश के दावों के निस्तारण में प्राथमिकता :

: Priority of claims to leave, pp g in case all applications of leave cannot be granted-
(a) Govt. servant can best be spared
(b) amount of leave due to various applicants
(c) character of applicants since last returned from leave
(d) fact – that applicant was compulsorily recalled from his leave.
(e) fact – that applicant has been refused last

सार्वजनिक हित को ध्यान में रखते हुए अवकाश स्वीकृतकर्ता प्राधिकारी को निम्नांकित मार्गदर्शक बिन्दुओं पर उस समय विचार करना चाहिये कि जब एक से अधिक कर्मचारी अवकाशों की एक साथ माँग करें और सबको एक साथ अवकाश दिया जाना संभव नहीं हो :

  1. किस कर्मचारी को राज्य कार्य की सुविधा के अनुसार अवकाश के लिये कार्यमुक्त किया जा सकता है,
  2. आवेदक कर्मचारियों के खातों में अवशेष अवकाशों की संख्या,
  3. गत अवकाश से लौटने के बाद प्रत्येक आवेदन द्वारा दी गई सेवा की अवधि/प्रकृति,
  4. उनमें से क्या किसी कर्मचारी को पूर्व में स्वीकृत अवकाश अवधि में पूर्व ही सेवा पर वापिस बुलाया गया, एवं पूर्व में उनमें से किसी कर्मचारी को जनहित की दृष्टि से अवकाश अस्वीकृत तो नहीं किया गया I

Rule 81 Rajasthan Service Leave Rules संदिग्थ मामलों में अवकाश की देयता

जहाँ चिकित्सा अधिकारी ने यह सहमति व्यक्त कर दी हो कि एक कर्मचारी के सेवा पर लौटाने की उचित सम्भावना नहीं हो तो ऐसे कर्मचारी को यदि कोई अवकाश देय हो तो सक्षम प्राधिकारी, निम्नांकित शर्तों पर उसको अवकाश स्वीकृत कर सकता है |

  1. (क) यदि चिकित्सा अधिकारी यह बात निश्चित रूप से नहीं कह सके कि कर्मचारी सेवा पर लौट नहीं सकेगा तो देय होने पर अधिकतम 12 माह का अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है जिसे चिकित्सा प्रमाण-पत्र के बिना आगे नहीं बढ़ाया जा सकता।
  2. (ख) यदि कर्मचारी को चिकित्सा अधिकारी के अनुसार पूर्ण रूप से अथवा अस्थायी रूप से आगे सेवा करने के अयोग्य घोषित कर दिया गया हो तो उसे कोई अवकाश अथवा उसकी वृद्धि,चिकित्सा अधिकारी के प्रतिवेदन के बाद 6 माह से अधिक का अवकाश अवधि नहीं देना चाहिये।

: Grant of leave to a Govt. servant who is unlikely to be fit to return to duty – not be refused but granted –
(a) if he never be returned – 12 months
(b) if he is declared permanently & completely incapacitate for further service not exceed

Rule 82 निष्कासित किये जाने वाले कर्मचारी को अवकाश स्वीकृत करना निषेधः

Leave not admissible to Govt. servant who ought to be dismissed from service for misconduct and general incapacity ( बर्खास्त/निलम्बन के मामले में अवकाश की अस्वीकृतिः- सक्षम अधिकारी का दायित्व है कि कर्मचारी के निलम्बन काल में किसी भी प्रकार का अवकाश स्वीकृत नहीं किया जावें । )

Rule 83 Certificate of fitness to return to duty

चिकित्सा प्रमाण-पत्र के आधार पर अवकाश का उपभोग किया हो,उसी सेवा पर वापस उस समय तक नहीं लिया जा सकता है जब तक वह इस नियम द्वारा निर्धारित प्रपत्र में स्वस्थता का प्रमाण-पत्र (Certificate of Fitness) प्रस्तुत नहीं कर देता।

Rajasthan Service Leave Rules & Approval Rule 84  विलोपित

Rule 85 नियत तिथि से पूर्व अवकाश से लौटनाः-

85 ( A ) राज्य कर्मचारी को एक निश्चित अवधि का अवकाश स्वीकृत कर दिया जावे तो वह उस अवधि से पूर्व सेवा पर उस समय तक वापस नहीं लौट सकता है जब तक अवकाश स्वीकृतिकर्ता प्राधिकारी उसे सेवा पर उपस्थित होने की अनुमति नहीं दे देता।

85 ( B ) सक्षम प्राधिकारी एक राजपत्रित अधिकारी को, स्वीकृत अवकाश की समाप्ति पर, पूर्व के पद पर ही पुनः पदस्थापन के आदेश अवकाश की स्वीकृति में ही अंकित कर सकता है,यदि वह पद अवकाश काल में रिक्त रखा गया हो।

RSR Rule 86 अवकाश समाप्ति के बाद अनुपस्थिति या दुराचरणः-

(1) A Govt. servant who is absent from duty without leave or before leave sanctioned by Controlling Authority shall be treated to have remained willfully absent from duty; it may be treated interruption of service involving of past service, unless regularized by grant of leave to or commuted in EOL by Controlling Authority.


(2) (a) A Govt. servant remain absent from duty after expiry of sanctioned leave or after communication of refusal of extension of leave is not entitled to pay & allowances.
(b) it (above) renders to a Govt. servant liable to disciplinary action.


(3) Disciplinary authority may initiate D.E. under CCA who willfully remains absent for a p g gp y eriod of exceeding one month; if charge proved, he may be
removed from service.

(4) Govt servant remaining willfully absent from duty for a continuous period (4) Govt. servant remaining willfully absent from duty for a continuous period exceeding 5 years (other than on foreign service) shall be deemed to be resigned

  1. यदि कर्मचारी नियत तिथि के बाद भी अवकाश पर से न लौटे तो सक्षम अधिकारी उसकी पिछली सेवा को जब्त कर सकता है।
  2. इस नियम के तहत यदि कर्मचारी नियत तिथि के बाद के समय का कोई उचित कारण बताये तो उस अवधि को असाधारण अवकाश के तहत माना जा सकता है। 
  3. वर्गीकरण नियंत्रण अपील नियम के तहत यदि कर्मचारी 30 दिन से ज्यादा अनुपस्थिति दर्ज करता है तो उस पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी तथा इसके तहत सेवा से निलम्बन या बर्खास्त भी किया जा सकता है। 
  4. दिनांक 20.08.2001 के बाद यदि कर्मचारी निरन्तर 05 वर्ष से अधिक अनुपस्थित रहे तो तत्काल प्रभाव से उसे बर्खास्त कर दिया जावेगा।

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