तबादलों के बावजूद ज्वॉइन नहीं कर रहे

उदयपुर की इस जगह को माना जाता है काला पानी, यहां कोई जाने को नहीं होता तैयार



तबादलों के बावजूद ज्वॉइन नहीं कर रहे अधिकांश कार्मिक,जिसको हटाया वह तुरंत हुआ रिलिव, कई विभागों में कामकाज प्रभावित


उदयपुर-

आदिवासी बाहुल्य कोटड़ा क्षेत्र को आज भी काला पानी माना जाता है। आजादी के 72 साल बाद भी यहां सरकारी कार्मिक नौकरी करने को राजी नहीं है। हालही में राज्य सरकार ने राजस्व, शिक्षा, चिकित्सा, महिला एवं बाल विकास, सिंचाई, बिजली जैसे महत्वपूर्ण विभागो में कई कार्मिकों के तबादले किए लेकिन अधिकांश कर्मचारी कार्यभार ग्रहण करने ही नहीं पहुंचे है। कोटड़ा का नाम सुनते ही यह कार्मिक उदयपुर से जयपुर तक प्रशासनिक अधिकारियों नेताओं और मंत्रियों के धोक देने में लगे हुए है ताकि कैसे भी करकेआदेश निरस्त हो जाए लेकिन तबादलों पर बेंड लग जाने से अब यह संभव नहीं है। स्थिति यह है कि कार्मिकों के सीट पर नहीं होने से सरकारी कामकाज के साथ आमजन से जुड़ी योजनाओं के काम प्रभावित हो रहे है।

फिर कैसे हो कोटड़ा का विकास..

कोटड़ा के नाम से कर्मचारियों की भोंहे तन जाती है यही वजह है कि सरकारी विभागो में अधिकांश पद रिक्त पड़े है। जहां पर तबादले कर अधिकारी कर्मचारी लगाए जाते है वह जोड़तोड़ कर जाते नहीं ऐसे में इस क्षेत्र का विकास सालों से नहीं हो पा रहा है। कई कर्मचारी चले तो जाते है लेकिन महीने में एक दो बार हाजरी देने जाते है। बड़ी बात तो यह की प्रशासनिक अधिकारी भी ईमानदारी से इसकी मॉनिटरिंग नहीं करते है।

इन विभागों में ट्रांसफर के बाद ऐसी स्थिति

शिक्षा-क्षेत्र में काफी प्रधानाचार्य, व्याख्याताओं और शिक्षको के रिक्त पद है। कुछ समय पूर्व पीईओ के 45 पद स्वीकृत किए जिसमें से अभी 17 पीईओ ट्रांसफर होने के बाद तुरंत रिलिव हो गए। जिन 3 पीईओ को यहां स्थानांतरित किया लेकिन अभी तक जॉइन हीं नहीं किया। महिला एवं बाल विकास-आंगनबाड़ी केंद्रों की देखरेख के लिए एलएस, सीडीपीओ एवं अन्य 11 पद रिक्त है। केन्द्रों की देखरेख प्रभावित हो रही है। ब्लॉक सांख्यिकी अधिकारी को अतिरिक्त सीडीपीओ का काम दे रखा था लेकिन उनका भी तबादला कर दिया। गिर्वा और सलूम्बर से जिन 2 महिला पर्यवेक्षक का ट्रांसफर कोटड़़ा किया उन्होंने अभी तक ज्वॉइन नहीं किया है। पंचायतीराज राज-ब्लॉक में 4 पंचायत प्रसार अधिकारी, एक ग्राम विकास अधिकारी 3 एलडीसी का ट्रांसफर कर हटा दिया लेकिन इनकी जगह पर लगाए गए कार्मिकों में से केवल 1 एलडीसी ने जॉइन किया है।चिकित्सा विभाग-आमजन से जुड़े चिकित्सा महकमें में 18 पद खाली हो चुके है जिसमे 4 डॉक्टर, 10 जीएनएम, एएनएम, 2 लैब तकनीकी एवं फार्मासिस्ट का ट्रांसफर हो चुका है। अभी तक एक भी डॉक्टर कार्मिक ने जॉइन नही किया है। कोटड़ा सीएचसी पर 1 डॉक्टर एवं 5 एएनएम के भरोसे है। मामेर एवं कूकावास पीएचसी पर डॉक्टर ही नही है। राजस्व विभाग-30 में से 20 पद खाली पड़े है। 2 नायब तहसीलदार के पद रिक्त है, 12 में से 9 आरआई ट्रांसफर करवाकर चले गए लेकिन उनकी जगह जिनको लगाया वहं अभी आए ही नहीं है। पटवारियों के 25 पद खाली पड़े है। एक को लगाया लेकिन वह भी निरस्त करवाने में लगा है।

यह बोले अधिकारी………

राज्य सरकार के निर्देशों पर स्थानांतरण हुए है ऐसे में सभी को कार्यभार संभालना आवश्यक है। संबंधित विभागों से जानकारी मांगते ही कितने कार्मिकों ने अभी तक काम नहीं संभाला है उसके बाद कार्रवाई करेंगे। नरेश बुनकर,अतिरिक्त कलक्टर प्रशासन

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